एक आदमी अकेले में खुश होता हुआ।

जोड़े: 20-05-2024

एक आदमी आत्म-आनंद में लिप्त होता है, उसका हाथ कुशलता से अपने कठोर शाफ्ट को सहलाता है, परमानंद के थ्रोज़ में खो जाता है। जब वह चरमोत्कर्ष पर पहुंचता है तो उसकी सांसें रुक जाती हैं, जो आत्म-प्रेम की शक्ति का एक वसीयतनामा है।.

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