एक गंदे पिता एक किरकिरा सिनेमा में आत्म-आनंद में लिप्त होते हैं, उनकी उंगलियां उनके धड़कते सदस्य पर नृत्य करती हैं। अंधेरा, परित्यक्त सभागार उनकी भारी सांसों और उनके अथक हाथ की लयबद्ध आवाजों से गूंजता है।.
एक किरकिरा, गंदा और सस्ता सिनेमा घर एक गंदे दिमाग वाले आदमी के लिए एकदम सही पनाहगाह है। वह फिल्म देखने के लिए नहीं, बल्कि अपने निजी शो में शामिल होने के लिए यहां है। परित्यक्त थिएटर की तिरछी रोशनी और गूंजते हॉल उसके एकल अभिनय के लिए बिल्कुल पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं। वह आत्म-आनंद का स्वामी है, उसके हाथ विशेषज्ञ रूप से अपने धड़कते सदस्य पर काम कर रहे हैं। उसकी उँगलियों का थिरकते हुए दृश्य किसी को भी दिल की दौड़ बनाने के लिए पर्याप्त है। उसकी कराहें, खाली सभागार को भर देती हैं, दीवारों को गूंजती हैं और अंधेरे, सुनसान दालानों में। यह सिर्फ आपका औसत झटका-बंद सत्र नहीं है, यह पूर्ण-उड़ा प्रदर्शन नहीं है, आत्म-प्रेम की शक्ति का एक वसीयतना है। जिस तरह से वह खुद को काम करता है, उसकी आँखों में कच्चा, अपरिवर्तित जुनून, इसका एक दृश्य देखने लायक है। यह आदमी जानता है कि वह कैसे आनंद लेता है, और हर किसी को जानने की शक्ति का आनंद लेने देता है। यह आत्म-परीक्षण की शक्ति का परीक्षण करने के लिए एक परम आनंद है।.