एक युवा नौकरानी, अपने सांसारिक कामों से थककर, अपनी मालकिन को अधोवस्त्र पहनाती है और अपनी बेतहाशा कल्पनाओं की खोज करती है। अपने चश्मे के साथ, वह एक उत्साही संभोग सुख में चरमोत्कर्ष पर पहुंचती है।.
जिज्ञासा एक युवा नौकरानी, मासूमियत और भोली-भाली महिला की ओर ले जाती है, जो खुद को परमानंद के कगार पर लाती है। यह आत्म-अन्वेषण की कहानी है, स्वयं की खोज की शक्ति, आनंद की शक्ति, अपनी यात्रा छोड़ देती है।.