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हर पल का आनंद लेते हुए, मैं अपनी हथेली में चरमोत्कर्ष पर पहुँचती हूँ, अपने सार का स्वाद लेते हुए। यह मेरा अंतरंग कार्य है, एक निजी अनुष्ठान, आत्म-प्रेम और संतुष्टि का उत्सव। यह मेरी दुनिया है, मेरे नियम।.