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4 मई, 2022 को एक आत्म-भोगपूर्ण एकल कार्य सामने आता है। परमानंद के किनारे पर एक एकल हाथ प्रभारी होता है, सहलाता है और छेड़ता है। किसी दर्शक की आवश्यकता नहीं होती, बस शुद्ध, शुद्ध आनंद। आत्म-प्रेम और संतुष्टि का एक वसीयतनामा।.